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Manipur Police: बहस के बाद कांस्टेबल ने सब-इंस्पेक्टर की गोली मारकर हत्या की, आरोपी गिरफ्तार

Manipur Police: शनिवार, 2 नवंबर 2024 को मणिपुर पुलिस के एक कांस्टेबल ने बहस के बाद एक वरिष्ठ सहकर्मी सब-इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी। अधिकारियों के अनुसार, कांस्टेबल बिक्रमजीत सिंह ने अपनी सर्विस राइफल से सब-इंस्पेक्टर शाहजहां पर गोलियां चलाईं, जिससे उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई। यह घटना मणिपुर के हिंसा-प्रभावित जिले जिरिबाम के मोंगबुंग गांव स्थित पुलिस चौकी में हुई, जहाँ घटना के तुरंत बाद अन्य पुलिसकर्मियों ने आरोपी कांस्टेबल को गिरफ्तार कर लिया।

विवाद की वजह की जांच में जुटी पुलिस

बताया जा रहा है कि शनिवार को किसी बात को लेकर दोनों के बीच कहासुनी हो गई थी, जिसके बाद यह हिंसक घटना घटित हुई। जिरिबाम जिले में पहले से ही स्थिति तनावपूर्ण रही है, और इस घटना ने वहां की स्थिति को और गंभीर बना दिया है। पुलिस वर्तमान में इस बहस की वजह और घटना के पीछे के कारणों की जांच में जुटी हुई है। मोंगबुंग पुलिस चौकी पर सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है।

इस साल जिरिबाम में हिंसा की शुरुआत

मणिपुर का जिरिबाम जिला, जो अपनी जातीय विविधता के लिए जाना जाता है और जो पहले इम्फाल घाटी व आसपास के पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही जातीय हिंसा से अछूता था, ने इस साल जून में हिंसा का सामना किया। एक समुदाय के 59 वर्षीय व्यक्ति की हत्या के बाद समुदायों के बीच संघर्ष भड़क उठा। इस घटना के बाद दोनों पक्षों के बीच आगजनी की घटनाएं होने लगीं, जिससे हजारों लोगों को अपने घर छोड़कर राहत शिविरों में जाना पड़ा। तब से इस जिले में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।

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मणिपुर में पिछले साल से जारी है हिंसा

मई 2023 से मणिपुर में मेइती और कुकी-जाओ समुदायों के बीच जातीय हिंसा के चलते अब तक 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग बेघर हो चुके हैं। मणिपुर के विभिन्न इलाकों से आए दिन हिंसा और आगजनी की खबरें सामने आ रही हैं, जिससे स्थानीय लोग निरंतर भय के साए में जी रहे हैं। राज्य में हिंसा और अस्थिरता की स्थिति के बीच राज्य और केंद्र सरकार पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

सुरक्षा और शांति की जरूरत

मणिपुर में चल रहे इस संघर्ष और पुलिस विभाग में इस प्रकार की घटनाएं राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं। कानून व्यवस्था की मजबूती के लिए और पुलिस बल के भीतर आपसी सद्भावना बढ़ाने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है।

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केंद्र सरकार पर विपक्ष का हमला

मणिपुर की स्थिति पर विपक्ष ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर कई बार निशाना साधा है, जिसमें शांति और सुरक्षा को लेकर कई गंभीर सवाल उठाए गए हैं। विपक्ष का कहना है कि राज्य में लंबे समय से चली आ रही इस स्थिति को नियंत्रित करने में केंद्र सरकार नाकाम रही है, जिससे मणिपुर की जनता लगातार हिंसा और तनाव की स्थिति में जीवन जीने को मजबूर है।

मणिपुर में पुलिसकर्मी द्वारा अपने ही साथी अधिकारी की हत्या की यह घटना बेहद दुखद है और मणिपुर में जारी हिंसा और अस्थिरता का एक और उदाहरण है। इस घटना से एक बार फिर मणिपुर में शांति और सुरक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। राज्य और केंद्र सरकार को मिलकर मणिपुर में स्थायी शांति और आपसी सामंजस्य बहाल करने के प्रयासों को और भी तेज करने की आवश्यकता है ताकि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और राज्य के नागरिक सुरक्षित जीवन जी सकें।

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